Sunday, December 8, 2019

गजल

नमस्कार मित्रों.. 


आज आपको एक ताजा तरीन गजल सुनाते है, बतायें तो जरा.. कैसी लगी..:-

 मिलने के समय पूछिये.. न दिल की सभी बात.. 
परतें सभी मन की खुलेंगी, कुछ दिनों के बाद!!..     

हमको भले न मानिये, अपना रकीब, ऐ दोस्त.. 
होता नहीं रिश्ता कभी, किसी अजनबी के साथ.. 

ता-उम्र साथ चलने का, वादा तो करते लोग.. 
ता-उम्र साथ रहती न, खुद की कभी भी साँस..   

ये वक्त बदलता रहे, हालात सभी के.. 
जो  आज पास है तेरे, कल हो किसी के पास.. 

बदनामियाँ, शोहरत को, जमींदोज हैं करती ..
ये फैलती हमेशा.. हो, जँगल की जैसे आग.. 

इक दिन तो सबको छोड कर, जाना है कहीं और.
कुछ काम तो ऐसा करें, आयें जो सबको याद.. ..... ....

 शुभ दिवस.. 

सादर..

 दीपक शुक्ल.

Tuesday, September 17, 2013

Thursday, July 25, 2013

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