नमस्कार.....
सर्वप्रथम सभी पाठकों को नव वर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें...ईश्वर आप सबके जीवन में सुख, शांति, समृधि और खुशियाँ लाये.....
इसी मंगलकामना को संजोये मेरी यह कविता आप सबको समर्पित है....
नया वर्ष मंगल...
हो सबको यहाँ जो...
मिले सबको खुशियाँ...
वो चाहे जहाँ हो...
ये मेरी दुआ सब...
सदा मुस्कुराएँ...
हो दिल में ख़ुशी...
और सभी जगमगायें...
प्रफुल्लित से मन हों...
उलस्सित से तन हों...
सभी लोग चेतन....
आनंदित जीवन हो ...
जो भी मन में बसता हो॥
वो मिल ही जाये...
कोई दूसरा उसका...
दिल न लुभाए...
जो तेरे ह्रदय को...
धड़कता सा कर दे...
तो तेरे लिए उसका...
दिल संग धडके...
जो आखों में कोई...
है तारे सा चमके...
वो इस वर्ष में...
तेरा रह जाये बनके...
सभी स्वप्न सबके...
ही हो जाएँ पूरे...
किन्ही कारणों से...
रहे जो अधूरे...
ये जीवन कविता...
सरीखा बनायें....
हर एक रंग इसमे...
सब चुनकर लगाएं...
हर इक कार्य सबके ...
हों पूरे सदा ही.....
हर इक आस सबकी...
हो पूरी सदा ही....
कविता से हम...
दिल को दिल से मिलाएं...
नए गीत हम नित....
सदा गुनगुनायें.....
ये "दीपक" कि विनती है...
इश्वर से अब तो....
हर इक पग पे उन्नति...
मिले आप सब को....
सभी के सभी मैं...
दुःख-सुख बाँट पाऊं ...
है जो वादा जो खुद से॥
उसे मैं निभाऊं...
मुझे मित्र माना....
आभारी मैं सबका...
ये मेरी तमन्ना...
बनूँ आप सब सा.....
आप सभी को स-परिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....
स-आदर....
दीपक शुक्ल....
सर्वप्रथम सभी पाठकों को नव वर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें...ईश्वर आप सबके जीवन में सुख, शांति, समृधि और खुशियाँ लाये.....
इसी मंगलकामना को संजोये मेरी यह कविता आप सबको समर्पित है....
नया वर्ष मंगल...
हो सबको यहाँ जो...
मिले सबको खुशियाँ...
वो चाहे जहाँ हो...
ये मेरी दुआ सब...
सदा मुस्कुराएँ...
हो दिल में ख़ुशी...
और सभी जगमगायें...
प्रफुल्लित से मन हों...
उलस्सित से तन हों...
सभी लोग चेतन....
आनंदित जीवन हो ...
जो भी मन में बसता हो॥
वो मिल ही जाये...
कोई दूसरा उसका...
दिल न लुभाए...
जो तेरे ह्रदय को...
धड़कता सा कर दे...
तो तेरे लिए उसका...
दिल संग धडके...
जो आखों में कोई...
है तारे सा चमके...
वो इस वर्ष में...
तेरा रह जाये बनके...
सभी स्वप्न सबके...
ही हो जाएँ पूरे...
किन्ही कारणों से...
रहे जो अधूरे...
ये जीवन कविता...
सरीखा बनायें....
हर एक रंग इसमे...
सब चुनकर लगाएं...
हर इक कार्य सबके ...
हों पूरे सदा ही.....
हर इक आस सबकी...
हो पूरी सदा ही....
कविता से हम...
दिल को दिल से मिलाएं...
नए गीत हम नित....
सदा गुनगुनायें.....
ये "दीपक" कि विनती है...
इश्वर से अब तो....
हर इक पग पे उन्नति...
मिले आप सब को....
सभी के सभी मैं...
दुःख-सुख बाँट पाऊं ...
है जो वादा जो खुद से॥
उसे मैं निभाऊं...
मुझे मित्र माना....
आभारी मैं सबका...
ये मेरी तमन्ना...
बनूँ आप सब सा.....
आप सभी को स-परिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....
स-आदर....
दीपक शुक्ल....